होम लोन बैलेंस ट्रांसफर: विकल्प चुनने से पहले, आपके लिए ध्यान में रखने लायक ज़रूरी बातें
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होम लोन बैलेंस ट्रांसफर ऋणकर्ताओं द्वारा तब कराया जाता है जब वे समयपूर्व भुगतान पर किसी पेनाल्टी के बिना अपेक्षाकृत कम ब्याज दर या अन्य ऑफर्स के फायदे लेने के लिए किसी अन्य बैंक से बेहतर डील करना चाहते हैं। लोन स्विच करने पर, पिछले ऋणदाता के यहां का पूरा लोन बैलेंस, नए ऋणदाता द्वारा पूरी तरह से चुकता कर दिया जाता है। फिर ऋणकर्ता नए बैंक को ईएमआई (समान मासिक किश्तों) का भुगतान करना शुरू कर देता है। ऋणकर्ता के लिए यह उपयुक्त है कि वह लंबी पुनर्भुगतान अवधि वाले होम लोन को संशोधित कराए, क्योंकि इससे उसे अधिक बचत करने में मदद मिलती है। बचत की सीमा, बकाया राशि, अवधि, ब्याज दरों में अंतर और लोन स्विच करने के प्रभारों पर निर्भर होती है।
कुछ महत्त्वपूर्ण प्वाइंट यहां दिए गए हैं, जिनके बारे में आपको होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुनते समय विचार करना चाहिएः
ब्याज दर पर बातचीत:
आप होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का फैसला करने से पहले, आपके मौजूदा ऋणदाता से ब्याज दरें कम करने के लिए बातचीत करें। अगर आपका आपके बैंक से विश्वासपूर्ण संबंध रहा है और सभी ईएमआई का भुगतान समय से किया गया है, तो आपका ऋणदाता आपके क्रेडिट इतिहास और लोन पुनर्भुगतान क्षमता को देखते हुए आपके अनुरोध पर विचार कर सकता है। इस तरह से समयपूर्व भुगतान प्रभार, ट्रांसफर, समय पूर्व समापन प्रभार, प्रोसेसिंग फीस, आवेदन फीस और प्रशासनिक प्रभार आदि के लिए भुगतान किए बिना आपकी ईएमआई का बोझ कम हो जाएगा।
नए ऋणदाता की ब्याज दरों के विवरणों की जांच करें: अगर नया ऋणदाता कम ब्याज दर का विज्ञापन कर रहा है, तो उनके ब्याज रिकार्ड के बारे में अधिक जानकारी मांगना ज़रूरी है। जांच कर लें कि बैंक द्वारा प्रस्तावित ब्याज दर वास्तविक है, और कोई थोड़े समय वाली लुभावनी तरकीब नहीं है।
लोन ट्रांसफर की लागत की गणना करें:
आपके होम लोन को ट्रांसफर करने से कई प्रभार जैसे कि प्रोसेसिंग फीस, आवेदन फीस, निरीक्षण प्रभार, प्रशासनिक प्रभार, और अन्य देने पड़ते हैं। ज्यादातर मामलों में बैंक ट्रांसफर फीस भी लेते हैं, जो मौजूदाा तथा नए ऋणदाता दोनों के द्वारा वसूल की जा सकती है। इसकी गणना कर लें कि क्या आपके ट्रांसफर से जुड़ी सारी लागतें, उस ब्याज राशि की तुलना में कितनी हैं, जो आप ट्रांसफर द्वारा बचत कर पाएंगे। अगर ये लागतें उसके बराबर या उससे अधिक हैं, तो आपको किसी अतिरिक्त ऋणदाता की खोज करनी चाहिए या मौजूदा ऋणदाता से बातचीत करनी चाहिए।
अपनी क्रेडिट रेटिंग की जांच करें:
आपका क्रेडिट स्कोर आपको इस बारे में सही सूचना देता है कि क्या आप बैलेंस ट्रांसफर के लिए पात्र हैं, या नहीं। अगर आप क्रेडिट चुकता करने, ईएमआई का समय पर भुगतान करने के मामले में अनियमित रहे हैं, तो यह आपकी क्रेडिट रेटिंग को प्रभावित करेगा। क्रेडिट स्कोर कम होने से होम लोन बैलेंस ट्रांसफर सुविधा के लिए आपकी पात्रता कम हो जाती है क्योंकि नया ऋणदाता अन्य चीज़ों के साथ आपके क्रेडिट स्कोर पर भी विचार करेगा इसलिए अपने क्रेडिट कार्ड के बिलों, ईएमआई आदि का समय से भुगतान करते हुए यह सुनिश्चित करें कि आपका क्रेडिट स्कोर अधिक है और आपको किसी अन्य बैंक में अपना लोन ट्रांसफर कराने में कोई समस्या नहीं आने वाली है।
बैलेंस ट्रांसफर के प्रभार:
होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कराने से पहले, आपको यह याद रखना चाहिए कि आपको कभी भी बस केवल कम ब्याज दर देखकर अपना होम लोन ट्रांसफर नहीं कराना चाहिए, क्योंकि इससे कई प्रभार भी जुड़े होते हैं। होम लोन बैलेंस ट्रांसफर की प्रक्रिया में कई प्रभार जैसे कि प्रोसेसिंग फीस, आवेदन फीस, प्रशासनिक प्रभार, निरीक्षण फीस, व अन्य शामिल होते हैं। कुछ प्रभार तो ऐसे होते हैं, जो आपके मौजूदा बैंक और नए ऋणदाता दोनों के द्वारा ही वसूल किए जाते हैं। बैलेंस ट्रांसफर की लागत की गणना करें और आपकी ब्याज राशि के सापेक्ष इसका मूल्यांकन करें। समुचित गणना करने के बाद आपको पता चलेगा कि क्या ट्रांसफर इन सारी फीसों का भुगतान करने के योग्य है। लागत अनुपात की गणना करने के लिए आप किसी होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
रेपो लिंक्ड लोन:
एक रेपो रेट- लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) लोन भारतीय रिजर्व बैंक की रेपो दर से लिंक्ड होता है। अगर आरबीआई, रेपो दर में कमी करता है तो आरएलएलआर आधारित लोन प्रदान करने वाले बैंक भी ब्याज की दर कम कर देते हैं। ऐसी स्थिति में हाउस लोन पर बैंक की ब्याज दर रेपो दर के अनुसार ऊपर या नीचे जाती है। ये लोन्स ऋणकर्ताओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं, क्योंकि आरबीआई द्वारा दर कम किए जाने पर उनको लाभ प्राप्त होता है। रेपो दर में कटौती, घर के खरीदारों के लिए एक सकारात्मक कदम होता है, क्योंकि यह हाउस लोन की ब्याज दरें कम कर देता है। इससे आपकी ईएमआई का बोझ कम हो जाता है। इसलिए, लोगों को कुछ राहत पहुंचाने के लिए आरबीआई ने हाल ही में रेपो दर में कटौती की है, जो इसका संकेत है कि किसी अन्य ऋणदाता के यहां लोन शिफ्ट किए बिना आपकी ईएमआई का बोझ कम हो जाएगा।
नियम और शर्तें सावधानीपूर्वक पढ़ें:
यह याद रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है, कि जब आप अपने होम लोन को किसी अन्य ऋणदाता के यहां ट्रांसफर कराते हैं, तो उनके नियम और शर्तें अच्छी तरह से समझ लेना आवश्यक होता है। हालाँकि कम ब्याज दरें आकर्षक लग सकती हैं, लेकिन आपके लोन से संबंधित समस्त शर्तें याद रखना भी अनिवार्य है। इसमें, कुछ निश्चित छिपे प्रभारों के बारे में जानकारी भी शामिल हो सकती है। इसलिए, आपको सभी नियम और शर्तें सावधानी से पढ़कर यह आकलन करना चाहिए कि अपना होम लोन ट्रांसफर कराने से आपको वास्तव में कितना लाभ होगा।
होम लोन ट्रांसफर कराने के चरण:
होम लोन ट्रांसफर कराने के आसान चरण नीचे बताए गए हैं।
- अपने मौजूदा बैंक से डील संपन्न करें: बैलेंस ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करने से पहले, यह ज़रूरी है कि होम लोन ट्रांसफर के लिए आप अपने मौजूदा ऋणदाता को एक पत्र भेजते हुए, अपने मौजूदा ऋणदाता से मंजूरी देने का अनुरोध करें। इसकी पुष्टि मिल जाने के बाद आपको बकाया धनराशि के उल्लेख वाले लोन विवरण के साथ एक अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त होगा।
- नए ऋणदाता को एनओसी उपलब्ध कराएं: एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) आपके नए ऋणदाता को उपलब्ध कराते हुए लोन धनराशि की मंजूरी हेतु अनुरोध करें।
- दस्तावेज़ों का ट्रांसफर: लेनदेन पूरा होने के बाद, आपके प्रापर्टी के दस्तावेज़ नए ऋणदाता को सौंपे जाने होते हैं। बची हुई पोस्ट-डेटेड चैकें निरस्त हो जाती हैं। इसके अलावा, यह भी पुष्टि करें कि आपका कोई दस्तावेज ट्रांसफर किया जाना शेष नहीं रह गया है।
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